देश में तकनीकी विकास एवं बेरोजगार नवयुवकों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें सवेतन रोजगार व स्वत: रोजगार के योग्य बनाने के उद्देश्य से जुलाई २०१२ में इस संस्थान की स्थापना की गई। संस्थान प्रशिक्षण एवं सेवा योजना निदेशालय, श्रम मंत्रलय, प्रदेश सरकार से सम्बद्ध तथा प्रशिक्षण एवं सेवायोजन महानिदेशालय (डी.जी.ई.टी.) श्रम एवं पुर्नवास मंत्रालय भारत सरकार से स्थायी मान्यता प्राप्त एक संस्थान है।
संस्थान के प्रशिक्षणार्थी को प्रशिक्षण के उपरान्त राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.वी.टी.) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय व्यवसायिक परीक्षा में सम्मिलित कराया जाता है। सफल प्रशिक्षणार्थी को अंक पत्र प्रदेश सरकार द्वारा तथा प्रमाण पत्र भारत सरकार द्वारा प्रदान किये जाते है।संस्थान प्रदेश के संस्थानों में विशिष्ट स्थान रखता है। संस्थान के पास फिटर, इलेक्ट्रीशियन, इलेक्ट्रानिक्स, ड्रेस मेकिंग, डीजल मैकेनिक की सुसज्जित कार्यशालाएँ है।
जिनमें भारत सरकार के मानकों के अनुरूप मशीनरी तथा उपकरण आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। संस्थान के पास अनुभवी एवं योग्य स्टाफ एवं अनुदेशक मौजूद है।